वो जो था ख्वाब सा
क्या कहें जाने दें
ये जो है कम से कम
ये रहे के जाने दें
वो जो था ख्वाब सा
क्या कहें जाने दें
ये जो है कम से कम
ये रहे के जाने दें
क्यूँ ना रोक कर खुदको
एक मशवरा करलें
मगर जाने दे
आदतन तो सोचेंगे
होता यूँ तो क्या होता
मगर जाने दे
वो जो था ख्वाब सा
क्या कहें जाने दें
ये जो है कम से कम
ये रहे के जाने दें
बीता जो बीते ना हाय क्यूँ
आए यूँ आँखों में
हमने तो बे-मन भी सोचा ना
क्यूँ आए तुम बातों में
पूछते जो हमसे तुम
जाने क्या-क्या हम कहते
मगर जाने दे
आदतन तो सोचेंगे
होता यूँ तो क्या होता
मगर जाने दे
वो जो था ख्वाब सा
क्या कहें जाने दें
ये जो है कम से कम
ये रहे के जाने दें
आसां नही है मगर
जाना नही अब उधर
आसां नही है मगर
जाना नही अब उधर
मालूम है जहाँ दर्द है
वही फिर भी क्यूँ जाएँ
वही कशमकश, वही उलझने
वही टीस क्यूँ लाएँ
बेहतर तो ये होता
हम मिले ही ना होते
मगर जाने दे
आदतन तो सोचेंगे
होता यूँ तो क्या होता
मगर जाने दे
वो जो था ख्वाब सा
क्या कहें जाने दें
ये जो है कम से कम
ये रहे के जाने दें